16 अक्तूबर 2010

धर्म और दर्शन ............केवल राम

आज मैं एक नए ब्लॉग का आरम्भ करने जा रहा हूँ । जिसका शीर्षक मैंने धर्म और दर्शन रखा है । इस ब्लॉग में मैं प्रयास करूँगा धर्म और दर्शन के सम्बन्ध में अपने विचारों को आपके साथ साँझा करने का ।
जहाँ तक मुझे लगता है धर्म और उसके दर्शन का हमारी जिन्दगी से प्रत्यक्ष पर परोक्ष दोनों प्रकार का सम्बन्ध है । इसलिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम धर्म और दर्शन के बारे में स्वस्थ सोच रखते हुए इन दोनों कि तह तक जाकर इनके मूल भाव को समझने का प्रयास करें । क्योंकि अगर देखा जाये तो धर्म का प्रभाव हमारे जीने के अंदाज पर पड़ता है । जैसे कि उपनिषद कहता है "धारयति इति धर्मः " , जिसे हम धारण करते हैं ,वह धर्म है । हालाँकि यह दोनों विषय काफी पेचीदा तथा विवादपूर्ण हैं । परन्तु इन विषयों में रूचि होने के कारण मैंने आप सभी के साथ अपनी सोच को सांझा करने का यह विनम्र सा प्रयास किया है । आशा है आप मुझे उत्साहित करते हुए मेरे इस लेखन को आगे बढाने में मेरा सहयोग करेंगे । इसी आशा के साथ ...............!

5 आपकी टिप्पणियाँ:

केवल राम ने कहा…

ठीक है आपके यह प्रयास जरुर रंग लायेंगे ......!

Patali-The-Village ने कहा…

मेरी शुभकामना आप के साथ है| आगे बढिए|

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

चलते रहिए...सफलता के लिए शुभकामनाएं।

केवल राम ने कहा…

आप मुझे प्रोत्साहित कर रहे हैं इसके लिए आपका आभार , धर्म और दर्शन , यह ब्लॉग मेरी जिन्दगी की परियोजना का एक हिस्सा है, ब्लॉग तो बेहद आकर्षक बना लिया है मैंने , पर इसके कुछ शीर्षकों पर अभी में गंभीरता से विचार कर रहा हूँ . जैसे ही यह सब कुछ अंतिम रूप से तय हो जायेगा तो फिर कार्य शीघ्रता से शुरू हो जायेगा और फिर मैं आपके आशीर्वाद से अपने दृष्टिकोण को आपके सामने रखने का प्रयास करूँगा ....शुक्रिया
तब तक ......!

Dr.Sushila Gupta ने कहा…

bahut hi uttam soch......god bless u.