tag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post85377687393510742..comments2023-10-26T16:36:38.349+05:30Comments on धर्म और दर्शन: देखें धर्म ग्रंथों को............केवल राम ....1केवल रामhttp://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-21946433044953784722018-10-01T10:03:19.935+05:302018-10-01T10:03:19.935+05:30जय श्रीकृष्ण!
बहुत ही शानदार और ज्ञानवर्धक ब्लॉग...जय श्रीकृष्ण! <br /><br />बहुत ही शानदार और ज्ञानवर्धक ब्लॉग। <br /><br />संग्रह के लिए तथा पाठक तक पहुँचाने के लिए सहृदय धन्यवाद <br /><br />Freelancer Bharathttps://www.blogger.com/profile/17169533389116472895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-20549097879763530292010-12-22T21:11:06.607+05:302010-12-22T21:11:06.607+05:30@>>> Amrita Tanmay ji
@>>> Dr. ...@>>> Amrita Tanmay ji <br />@>>> Dr. shyam gupta ji <br />@>>> Minakshi Pant ji <br />आपका ह्रदय से आभारी हूँ ...मेरा प्रयास रहेगा की जो भ्रांतियां हमारे सामने ईश्वर, माया , जगत , आदि के बारे में हैं उनका निराकरण करूँ ....की वास्तविकता क्या है ....ईश्वर मुझ पर अपनी कृपा बनाये रखे तो में कुछ कर पाने में सक्षम हो पाऊं ...आपका मार्गदर्शन मेरे लिए महत्वपूर्ण है ...मीनाक्षी पन्त जी आपका कैसे धन्यवाद करूँ ..बस यूँ ही उत्साहित करते रहनाकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-50531273315182464942010-12-22T16:05:51.392+05:302010-12-22T16:05:51.392+05:30आपने बहुत खुबसूरत शब्दों मै धरम का परिचय दिया है ...आपने बहुत खुबसूरत शब्दों मै धरम का परिचय दिया है दोस्त पर जिस अंदाज़ से लोग धरम का दुरुपयोग कर रहे हैं वो देख कर सुन कर बहुत दुःख होता है ! इतने बड़े मंदिर हैं मै नाम नहीं लेना चाहूंगी पर वहां पहुँचते ही सारी श्रद्धा ख़तम सी हो जाती है और पंडितो के लालच को देख कर लगता है की यहाँ भगवान के नाम पर सिर्फ लुट हो रही हो , सिर्फ व्यापार ...बहुत तकलीफ होती है तब की हमारे देश का धरम क्या इस कदर बिकाऊ हो गया है ! पर हमे तो सिर्फ अच्छी राह चलना है और आपकी कोशिश सफल हो और ये किसी मुकाम तक पहुंचे हम आपके साथ हैं !<br />बहुत - बहुत बधाई दोस्त !Minakshi Panthttps://www.blogger.com/profile/07088702730002373736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-56829231276090271822010-12-09T11:44:26.914+05:302010-12-09T11:44:26.914+05:30--""। सृष्टि कि उत्पति का रहस्य क्या रहा...--""। सृष्टि कि उत्पति का रहस्य क्या रहा है ? जीव क्या है ? जगत क्या है ? माया क्या है ? ब्रह्म क्या है ? आत्मा क्या है ? परमात्मा क्या है ? आदि तमाम अनसुलझे प्रश्नों पर हमारे ऋषि मुनियों ने विचार किया है , उनका अध्ययन काफी हद तक नहीं वल्कि पूरी तरह से हमारा पथ प्रदर्शन करता है , और हमें इस परम तत्व कि तरफ आक्रष्ट करता है ( जिसे हम परमात्मा कि संज्ञा से अभिहित करते हैं ) ।""<br />----केवल राम जी, उपरोक्त वस्तुतः एक शाश्वत सत्य है जिसे आज कल हम भूलते जारहे हैं, भौतिकता के भ्रम जाल में---श्रिष्टि महाकाव्य का एक अन्श इसी भाव पर---<br /><br />"सोच हुई है सीमित उसकी,<br />सोच पारहा सिर्फ़ स्वयं तक;<br />त्याग, प्रेम उपकार-भावना,<br />परदुख,परहित,उच्चभाव सब ;<br />हुए तिरोहित,सीमित है वह,<br />रोटी कपडा औ मकान तक।।<br /><br />कारण-कार्य,ब्रह्म औ माया(२)<br />सद-नासद(3) पर साया किसका?<br />दर्शन और संसार प्रकृति के ,<br />भाव नहीं अब उठते मन में;<br />अन्धकार- अज्ञान- में डूबा,<br />भूल गया मानव ईश्वर को।।" shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-12396512971737327412010-12-05T15:20:38.427+05:302010-12-05T15:20:38.427+05:30आध्यात्म जीवन को सुन्दरता के जीना सिखाती है . आपका...आध्यात्म जीवन को सुन्दरता के जीना सिखाती है . आपका प्रयास सराहनीय है ..आपको बधाई .Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-15254469087861066622010-11-10T13:12:56.675+05:302010-11-10T13:12:56.675+05:30निर्मला जी, आपने सही कहा , आज हम जितना अपने आपको ...निर्मला जी, आपने सही कहा , आज हम जितना अपने आपको वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाला मानते हैं उतना ही हम भ्रमों में भी पड़े हैं , आपने सही कहा ...हमारे पास सब कुछ होते हुए भी हम भ्रमों के शिकार हैं, जिन धर्म ग्रंथो को हम पढते हैं उनका ही हम अनुसरण नहीं कर पाते...और उस पर आजकल के तथाकथित धर्मगुरु ...कुल मिलाकर हम अंधकार की और अग्रसर..यही सब कुछ देख कर दुःख होता है ....एक विनम्र सा प्रयास है ...यह मेरा ...संभवतः आप सबके आशीर्वाद का परिणाम ..शुक्रिया प्रेरणादायक टिप्पणी के लिएकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-15249390621335302842010-11-10T10:11:15.013+05:302010-11-10T10:11:15.013+05:30मुझे लगता है कि हमारे रिशिओं मुनिओं दुआरा अर्जित ग...मुझे लगता है कि हमारे रिशिओं मुनिओं दुआरा अर्जित ग्यान को आज के हमारे संतों ने केवल समाज को बाँतने और अपने अपने अलग मट्ठ बनाने के लिये ही प्रयोग किया है किसी ने उस एक सत्ता को केवल एक मान कर चलने मे विश्वास नही किया अगर किया होता तो आज इतने अधिक धार्मिक मत या संस्थान नही होते। हरेक ने अपनी गद्दी को सुरक्शित कर लोगों के अग्यान का लाभ उठाया\ माफ करें मै किसी एक के लिये नही कह रही सभी धर्म गुरू आज यही कर रहे हैं। धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-5990666594396880642010-11-09T21:06:51.551+05:302010-11-09T21:06:51.551+05:30@>>>मेरे ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद , इ...@>>>मेरे ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद , इस सृष्टि के कण -कण में परमात्मा विद्यमान है , परन्तु इंसान मन के वशीभूत होकर इसे महसूस नहीं कर पाता , इसे महसूस करने के लिए इंसान को संसार से ऊपर उठकर, मतलब अपने मन के अहंकार को त्यागकर प्रयास करना पड़ता है ...आप इस ब्लॉग पर आते रहिये मेरा प्रयास रहेगा इंसान के सामने जो भ्रम हैं उनका निराकरण करने का .... अनुसरण करने के लिए "स्वागत" के साथ हार्दिक आभार ...!<br />"चलते -चलते "पर भी आपका स्वागत हैकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-36685143085441688972010-11-09T16:59:09.769+05:302010-11-09T16:59:09.769+05:30इस सृष्टि में कोई ऐसा तत्व है जो इसका संचालन कर रह...इस सृष्टि में कोई ऐसा तत्व है जो इसका संचालन कर रहा है । जिसे द्वारा यह पूरा ब्रह्माण्ड नियंत्रित किया जा रहा है , और इस सब कि अभिव्यक्ति उन संतों महापुरषों ने कि है जिन्होंने इस परम सता का साक्षात्कार किया , और उनके साक्षात्कार के विवरण हमें धर्म ग्रंथों में मिलते हैं ....<br /><br />------<br /><br />I agree with you. I believe in the supreme power ruling this universe.<br /><br />Beautiful post . <br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.com