tag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post227297082660345162..comments2023-10-26T16:36:38.349+05:30Comments on धर्म और दर्शन: देखें धर्म ग्रंथों को ... 1.2 केवल रामhttp://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-91842480870256382972011-12-29T10:50:49.538+05:302011-12-29T10:50:49.538+05:30bhut achi explain kiya haibhut achi explain kiya haiomhttps://www.blogger.com/profile/02505588511884010258noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-82466159850279790012011-05-02T09:13:34.954+05:302011-05-02T09:13:34.954+05:30आप की बहुत अच्छी प्रस्तुति. के लिए आपका बहुत बहुत ...आप की बहुत अच्छी प्रस्तुति. के लिए आपका बहुत बहुत आभार आपको ......... अनेकानेक शुभकामनायें.<br />मेरे ब्लॉग पर आने एवं अपना बहुमूल्य कमेन्ट देने के लिए धन्यवाद , ऐसे ही आशीर्वाद देते रहें<br />दिनेश पारीक <br />http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/<br />http://vangaydinesh.blogspot.com/2011/04/blog-post_26.htmlDinesh pareekhttps://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-30403571526381107562011-03-20T08:50:39.280+05:302011-03-20T08:50:39.280+05:30आदरणीय केवल राम जी,
नमस्कार
धर्म दर्शन से परिपूर्...आदरणीय केवल राम जी,<br />नमस्कार <br />धर्म दर्शन से परिपूर्ण <br />बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-58465029575270465652011-03-20T08:47:51.032+05:302011-03-20T08:47:51.032+05:30परम सत्य ईश्वर अनंत हैपरम सत्य ईश्वर अनंत हैसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-8628231635544786332011-03-19T00:37:54.218+05:302011-03-19T00:37:54.218+05:30मेरे लिए यह काफी उपयोगी जानकारी। आभार और
होली की ...मेरे लिए यह काफी उपयोगी जानकारी। आभार और <br />होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।आचार्य परशुराम रायhttps://www.blogger.com/profile/05911982865783367700noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-87560947243017071462011-03-13T09:24:17.273+05:302011-03-13T09:24:17.273+05:30सुन्दर व्याख्या। बधाई।सुन्दर व्याख्या। बधाई।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-33370132028558818932011-03-13T00:44:20.577+05:302011-03-13T00:44:20.577+05:30एक निरंकार है जिसका नाम सत्य है ओंकार शब्द से ही न...एक निरंकार है जिसका नाम सत्य है ओंकार शब्द से ही निरंकार शब्द की उत्पति हुई है . ....<br /><br />दर्शन से परिपूर्ण बहुत गहन और सुन्दर व्याख्या....बधाई ।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-60158487962687789422011-03-10T16:29:58.216+05:302011-03-10T16:29:58.216+05:30इक तूं ही निरंकार.. की सुन्दर , सारगर्भित परिभाषा ...इक तूं ही निरंकार.. की सुन्दर , सारगर्भित परिभाषा !अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-66571571218324266562011-03-06T12:53:59.577+05:302011-03-06T12:53:59.577+05:30निरंकारी संत समागम आगरा में हो रहा है!निरंकारी संत समागम आगरा में हो रहा है!Sawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/14297388415522127345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-19461337298858542962011-03-06T12:48:12.631+05:302011-03-06T12:48:12.631+05:30आदरणीय केवल राम जी,
नमस्कार
खुशियों का है संसार,...आदरणीय केवल राम जी,<br />नमस्कार <br /> खुशियों का है संसार,सतगुरु सांवरिया.......<br /><br />"इक तूं ही निरंकार" की बहुत सुन्दर मतलब बताया आपनेSawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/14297388415522127345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-9540209993424267212011-03-05T04:36:44.844+05:302011-03-05T04:36:44.844+05:30आदरणीय राकेश जी
मैं आपकी बात से सहमत हूँ , चूँकि ...आदरणीय राकेश जी <br />मैं आपकी बात से सहमत हूँ , चूँकि मैंने 'अवतार वाणी' की व्याख्या के आधार को स्पष्ट करने के लिए निरंकार शब्द की महता और व्याख्या को तरजीह दी है , अन्यथा ईश्वर "साकार और निरंकार " इस विषय पर भी मेरा आलेख यहाँ पर आएगा उसमें सब बातों को तथ्यपूर्ण ढंग से स्पष्ट करने का प्यास किया जायेगा . "ईश्वर की सर्व व्यापकता" वाले आलेख का दूसरा भाग अभी आना बाकी है ..आप अपना मार्गदर्शन यूँ ही बनाये रखें ....यही कामना है ...आपका आभारकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-37242749065075631802011-03-05T01:35:11.135+05:302011-03-05T01:35:11.135+05:30धन्य हे आपधन्य हे आपराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-4057181330930011012011-03-04T22:44:53.885+05:302011-03-04T22:44:53.885+05:30ईश्वर निर्गुण ,निराकार है परन्तु भक्तों की श्रदा...ईश्वर निर्गुण ,निराकार है परन्तु भक्तों की श्रदा के अनुसार वह उनके लिए सगुन साकार भी हो सकता है .<br />जैसे जल भाप रूप में निराकार है लेकिन उसे ठंडा करके जिस सांचे में जमाया जाये तो बर्फ बन कर वह वैसा ही ठोस आकर ले लेती है .इसी प्रकार भक्तो का ह्रदय सांचा है और उनकी अटूट श्रद्धा,विश्वास व भक्ति ठंडा करने की प्रक्रिया.सूर की गोपियाँ तो उधोजी से यहाँ तक कह देती हैं "निर्गुण कोन देश को वासी....... "<br /> Geeta adhayay12(Bhakti Yog) me bhi bhagwan ke dono rupo ko mana gaya hai yani nirgun-nirakar bhi aur sagun-saakaar bhi.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-28721771584316381262011-03-04T22:00:51.327+05:302011-03-04T22:00:51.327+05:30इक तूं ही निरंकार इसकी तो आपने बहुत ही अच्छी तरह स...इक तूं ही निरंकार इसकी तो आपने बहुत ही अच्छी तरह से व्याख्या की है....<br />सुंदर पोस्ट....वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-16407426047776055142011-03-04T14:22:24.353+05:302011-03-04T14:22:24.353+05:30यह सच है कि जब किसी वास्तु का आकार होता है तो उसकी...यह सच है कि जब किसी वास्तु का आकार होता है तो उसकी सीमा तय हो जाती है . और अगर परमात्मा का कोई आकर होता तो उसकी भी एक सीमा होती और ऐसी सीमा परमात्मा को कभी भी सर्वव्यापक होने का प्रमाण नहीं देती ....<br /><br />ये परम सत्य है...ईश्वर अनादि, अनंत है..<br />समग्रतः कहा जा सकता है कि परमात्मा निराकार है...आत्मा को परमात्मा में लीन करते हुए सांसारिक मोह माया से उपर उठकर विचार करना ये तो आपके ही बस की बात है, और इस इस परमानन्द की अनुभूति को हम तक पहुँचाने के लिए आपका बहुत - बहुत आभार..संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-74631644754200257562011-03-04T09:44:13.751+05:302011-03-04T09:44:13.751+05:30बहुत ही सुन्दर पोस्ट.धन्यवाद केवल राम जी.
"इक...बहुत ही सुन्दर पोस्ट.धन्यवाद केवल राम जी.<br />"इक तूं ही निरंकार" की बहुत सुन्दर व्याख्या की है आपने.खासकर 'तूं 'शब्द के बारे में तो बहुत ही अद्भुत लिखा है.<br /><br />सलाम.विशालhttps://www.blogger.com/profile/06351646493594437643noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-51119169040058478532011-03-04T09:08:03.673+05:302011-03-04T09:08:03.673+05:30सुन्दर विश्लेषणसुन्दर विश्लेषणराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-59632695235336321042011-03-04T08:48:51.908+05:302011-03-04T08:48:51.908+05:30नही भटकता है वो, ज्ञान-धर्म पथ पर चलता है
ओंकार रह...नही भटकता है वो, ज्ञान-धर्म पथ पर चलता है<br />ओंकार रहे सदा संग में,नहीं कोई फ़िर छलता हैब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-47085361487194183752011-03-04T08:37:32.474+05:302011-03-04T08:37:32.474+05:30अति सुंदर परमार्थ चिंतन.केवल राम जी आप धन्य है जो ...अति सुंदर परमार्थ चिंतन.केवल राम जी आप धन्य है जो भीड़ में अकेले रह कर आधी रात के बाद भी परमात्मा के चिंतन में निमग्न हो ऐसा सुंदर लेख हम सब के हित के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं .आपका यह कहना सही है कि 'और यह विचार बुद्धि से न होकर मन को साधते हुए आत्मा को परमात्मा में लीन करते हुए करना होता है 'Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-22450833364381342632011-03-04T08:31:13.617+05:302011-03-04T08:31:13.617+05:30sundar post ke liye
aabharsundar post ke liye <br />aabharसंजय कुमार चौरसियाhttps://www.blogger.com/profile/06844178233743353853noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-19215179837260806082011-03-04T06:32:50.179+05:302011-03-04T06:32:50.179+05:30bhai kewal ram ji bhut hi sundr post badhai aur sh...bhai kewal ram ji bhut hi sundr post badhai aur shubhkamnayen |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-503017001993830333.post-89138861472475115752011-03-04T06:32:46.574+05:302011-03-04T06:32:46.574+05:30bhai kewal ram ji bhut hi sundr post badhai aur sh...bhai kewal ram ji bhut hi sundr post badhai aur shubhkamnayen |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.com